पहुँच ऑफ़िस सभी सुनते डाँटनहीं पूरा किया काम है मानो सारी दुनिया से कुरुक्षेत्र लड़ने का काम है,पहुँचोगे ना तुम संख नाद तक तो कटेगी आधी सैलरी होएग़ी किरकिरी मित्रों में बजेगी तेरी बाँसुरी।भाई टार्गट पूरा नहीं होता कभीबढ़ता हनुमान जी की पूँछ की भाँतिजितना खिंचो जलाओ बढ़ता उतना है, हँसते हुए बॉस कहे हारे हुए हो तुम तीसमारख़ां नहीं,करके वही काम पुनःचूँ ना करो भाई … Continue reading ऑफ़िस के बवाल
Day: December 1, 2015
कितना लाचार हूँ मैं
रोज़ सुबह उठ करदुआ यही करता हूँ प्रभु के उस दर्शन से कितनी हुई तकलीफ़ दूरयही समीक्षा करता हूँ ।तुम रोज़ उम्मीद की लौ जगाती हो , अपनी परेशानी से ख़ुद को उठाती हो,देखता खड़ा हूँ मैंकुछ कर नहीं पाता सिर्फ़ ढाढ़स बँधा देता हूँ मैंकितना लाचार सा हूँ सब यूँही चलने देता हूँ मैं।क्या करूँ तेरे लिए मेरी ज़िंदगी तुझसे है ,कैसे करूँ ये … Continue reading कितना लाचार हूँ मैं