तेरा नींद से भरी आँखों से मेरी तरफ़ देखना

तेरा नींद

से भारी आँखों से
मेरी तरफ़ देखना,
धीरे धीरे से 
खिसक कर 
मेरी गोद में लेटना,
इन पलों को 
संजोये जीता हूँ 
मैं मेरी परी।
सुबह उठ कर 
वो चहचहा कर 
बातें करना ,
स्कूल के लिए तेय्यार हो 
गाड़ी में बैठना,
गाने सुनते हुए 
गुनगुना कर खिड़की 
से झाँकना ,
बस इन पलों को 
संजोये जीता हूँ 
मैं मेरी परी।

हर तकलीफ़ 
फीकी है,
जब मिलता है 
तेरी 
नन्ही सी बाहों
में सिमटना,
हर ग़ुस्सा 
क़ाबू में होता है तब
पड़ता है जब 
तुझसे लड़ना,
बस इन पलों को 
संजोये जीता हूँ 
मैं मेरी परी।

ख़ुश रहो 
आबाद रहो,
दुनिया की 
सारी ख़ुशियाँ तुम्हारी हों,
तुम्हारी झोली 
ना कभी ख़ुशियों से 
खाली हो,
मुस्कुराती रहो
पूरे जीवन बस यूँही,
बाबा का तुम पर 
आशीर्वाद हो,
यही दुआंए
करता रहता है 
तेरा पिता।

कितनी दौलत 
जमा कर पाउँगा,
कितनी शोहरत
कमा पाऊँगा,
कितने दोस्त 
खड़े होंगे 
मय्यत में मेरी,
ये कुछ भी 
ख़ास नहीं,
बस ये सोच कर 
जीता हूँ मैं,
मिलते रहें 
ये पल मुझे 
तुम्हारे संग यूँही,
बस इन पलों को 
संजोये जीता हूँ 
मैं मेरी परी।


कहा करोगी जब
किया पीहर में 
राज तुमने,
दिया पीहर ने 
जो था बस में,
गले लगा के 
बस यूँही 
तुम 
मेरे बूढ़े हाथों 
को थामा करोगी,
प्यार मुझे 
ज़रा करोगी,
तब
मरने का
ना होगा ग़म,
बस इन पलों को 
संजोये जीता 
हूँ में मेरी बेटी ।





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