जब उस बार बुलाया था तुमने

पिछली बार भेजा था शेर बुलाने सपने मेंमैं भागा चला आया था,चढ़ा था पहाड़ तुम्हारा तब पहुँचा जहाँ आसन तुम्हारा था ,वहीं अद्भुत रूप तुम्हारा पिंडी रूप में विराजी हो वहीं शेरों पर सवारी हो ।तर गया था जीवन मेरा,सभी दुखों को छोड़ आया हूँ,सुखों से भरी झोली मेरी पढ़ लिख कर घर आया हूँ ।फिर घूमा है जीवन चक्र,दूर तलक चला आया हूँ बहुत कुछ पाया मैने,ये आशीर्वाद … Continue reading जब उस बार बुलाया था तुमने