तेज़ हवाएँ चल रहीं कमज़ोर पत्तियाँ शाख़ से टूट रहीं, सब अस्त्वयस्त हो रहा हर तरफ़ तूफ़ान पर फैला रहा मंज़र बर्बादी का ला रहा, पक्षियों को उड़ना कहाँ पता नहीं पशुओं को छुपना कहाँ पता नहीं, कुछ ऐसे भी हैं जीव यहाँ जिन्हें जाना कहाँ पता नहीं। प्रारभद से बँधे सब चल रहे तूफ़ान … Continue reading तूफ़ान आया है
Month: February 2016
इम्तिहान है ये ज़िंदगी हर पल
इम्तिहान है ये ज़िंदगी हर पल, कभी पास कभी फ़ेल, हम भी यूँही चल रहे हैं हर क़दम, कभी पास कभी फ़ेल, खुदा मिले तो ये पूछूँगा में की क्या कोई है जो ले उसका भी इम्तिहान, या बस बंदो के लिए है ये दस्तूर कभी पास कभी फ़ेल। खेल रहे ग्रह , फँसे … Continue reading इम्तिहान है ये ज़िंदगी हर पल
तुम भी ढूँढो
भटकते हैं लोग करने सपने को साकार, कोई बेचता ख़ुद को कोई निकल पड़ता बेचने खुदा का आकार, अज्ञानतावश भूल मर्यादा और जड़ों को अपनी, बस चल पड़ते हैं खोज में पता नहीं किसकी ये इस प्रकार, कर्म क्षेत्र बना घर से दूर इंसान परिश्रम करें भरपूर, पा जाते सम्पत्ति उठते-बढ़ते महकते जैसे कपूर। व्याकुलता स्पष्ट हो … Continue reading तुम भी ढूँढो