आईना

अटल पथ पर चलते रहकर इच्छाओं को दृढ़ता प्रदान करो यही उल्लेख ध्यान मे धरकर अपने कर्म पर ध्यान धरो | चाहते हो जो हो जाता है ध्यान धर उसे दृढता प्रदान करो समझो इस रहस्य को और अपनी जिन्दगी को अंजुली मे भरो| जो हो रहा तुम्हारे साथ वह आईना है तुमहारी इच्छाओं का … Continue reading आईना

कश्मकश में बितती ज़िंदगी

कश्मकश में बितती ज़िंदगी, नासमझ से खड़े हैं हम कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के सहारे खड़े हैं हम अपनी ज़िंदगी को ख़ुद उलझाने की आदत है यहाँ गीता के ज्ञान का सीधा रास्ता भूल कर खड़े हैं हम। प्रभु से बात हुई तो असमंजस में खड़े हैं हम सत्य के कथन को समझते यूँही … Continue reading कश्मकश में बितती ज़िंदगी