अटल पथ पर
चलते रहकर
इच्छाओं को दृढ़ता प्रदान करो
यही उल्लेख
ध्यान मे धरकर
अपने कर्म पर ध्यान धरो |
चाहते हो जो
हो जाता है
ध्यान धर
उसे दृढता प्रदान करो
समझो इस रहस्य को
और अपनी जिन्दगी को
अंजुली मे भरो|
जो हो रहा तुम्हारे साथ
वह आईना है
तुमहारी इच्छाओं का
इस आईने को
स्पष्टता से
सही विशवाश से
संचालित करो|
परब्रह्म की अनुभूति का तुम
फिर आनन्द लेकर
अनुग्रह हो इस विशवाश का
मित्रों में संचार करो|