कन्हैया

राधा जी के संग खड़े
बन्सी बजाते हो
भजता मै तुम्हे
तो मुझे देख मुस्कुराते हो
भक्तों के मित्र हो तुम कन्हैया
सदा ही बुलाने पर
दौड़ कर आते हो।
मित्रों के लिए तुम
पहाड़ उठाते हो
कभी उन्हे
बरबरीक सी मुक्ती दे जाते हो
भक्तों के मित्र हो तुम कन्हैया
उनके लिए
खुद रणछोड़ कहलाते हो।
बुलाने पर
सदैव
उपस्थित हो जाते हो
चाहूँ जहाँ
आकर
विद्यमान जाते  हो
भक्तों के मित्र हो तुम कन्हैया
भक्तवतसल बन
तुम मेरा भार उठाते हो।
Love you and happy birthday kanhaiya.. ..

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