मुस्कुराते हुए 

मुस्कुराते हुए

जिंदगी मेरी

यूंही बीत गई

तेरे साथ चलते हुए

जिंदगी जीत गई

कुछ बारिश सी हुई तो थी

राह में

तेरे साथ आते ही,

जिंदगी गीत गाती चली गई।

छाई थी बदरी  जहाँ

वहांँ डगर पनघट की थी

चले आए हम वहाँ

तू खड़ी गागर भर रही थी

गागर की किस्मत देख

हमें हर्ष हुआ कुछ यूँ

गागर थामी जब हमने

फिर कहीं

चाल तेरी लचकी थी।

तू मुस्कुराई जब मेरी तरफ देखकर

तब बदरी शरमाई थी

धूप का हुआ आगमन जब

बूँद तेरी कमर से उड़ी तो थी

प्यार देख हमारा

सूर्य भी मुस्कुरा कर

ढलने चल दिया

कन्धे पर

तुम्हारा सर था

छाया भी तुम्हारी शरमाई थी।

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