हरे हरे साँई हरे हरे

श्री हरे मुरारी कृष्ण हरे

श्री राम सदाचारी हरे हरे

राधे बलिहारी कृष्ण हरे

सिया जी के प्रियवर हरे हरे। 

तुम पर बलिहारी कृष्ण हरे

देखो राम की सवारी हरे हरे

राधा संग बैठीं कृष्ण  हरे

सिया संग बैठीं हरे हरे। 

आँऊ दर तेरे कृष्ण  हरे

चलें हम वैकुण्ठ हरे हरे

चलो मेरे संग गाओ हरे हरे

तर जाएंगें हम हरे हरे। 

बोलो हरे हरे साँई हरे हरे

हरे हरे साँई हरे हरे 

……… Continue … 

One thought on “हरे हरे साँई हरे हरे

  1. Bahut badhiya likha hai ,aapne.
    Kabhi mere bhi blog pe aate to accha rhtaa
    Main aapka intzaar karoonga

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