जज्बातों में उलझी जिंदगी
ख्वाबों में लिपटी जिंदगी
कुछ हंसना कुछ हंसाना
लम्हा लम्हा चलती जिंदगी।
यूं तो रोते भी हैं लोग
मुस्कुराने के बहाने ढूंढते लोग
कभी बहुत सताती भी है जिंदगी
फिर भी धैर्य धरते हैं लोग।
पंछियों की चहचहाहट में जिंदगी
कुत्तों की प्यार से हिलती पूंछ में जिंदगी
अगर ढूंढें सिर्फ खुशियाँ हम सब में
खुशियाँ बाँटती है हर वक्त ये जिंदगी।
बहुत ही अच्छा और खूबसूरत कविता है आपकी पढकर अच्छा लगा।