चुन चुन कर

सुन्दर पंकतियों मे पिरोए अहसास लाया हूँ

इस जिंदगी मे सुलझे अनुभव लाया हूँ

कुछ खट्टी कुछ मीठी सी होती है जिदंगी यूं तो

चुन चुन कर तेरे लिए ये अल्फाज़ लाया हूँ। 

धैर्य खो देते हैं हम जब देती है सबक जिंदगी

उलझते हैं और जब होती सख्त है ये जिंदगी

श्रद्धा और सब्र हैं दो  ऐसी सीख साँई की

चलते चलें जब हाथ पकड़कर तब मुस्कुराती है जिदंगी। 

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