चिरान्नद

नारायण का नाम लिजीए

सार्थक अपने काम किजीए,

रख विश्वास आगे बढिए

एक नया संसार गढिए,

होए है जब तिहारे मन में उजियारा

तब जगत लगे भया सब हमारा,

मुस्कान मन्द मन्द सी छाई है

दुश्मनी निभाने वाला लगे भाई है,

भक्ति है कान्हा की अनूठी

चाहे हो आन्नद चाहे आस हो झूठी,

पकड़ हाथ जब वो ले जाए

चिरान्नद में रोम रोम भर जाए,

ऐसा प्रेम मेरे प्रभु का है

ऐसा ही चित्त चिरान्नद का है।

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