मंज़िलों की तलाश मे,
भटके हुए जाया करते हैं
हम वो हैं ए दोस्त,
जिनके रास्ते खुद तय हो जाया करते हैं।
कुछ जज्बातों में,
जिंदगी गुजार लिया करते हैं
हम वो हैं ए दोस्त
जज्बात खुद जिनका सहारा लिया करते हैं।
ख्वाबों की दुनिया,
हर तरफ वो बसा लिया करते हैं
हम वो हैं ए दोस्त
ख्वाब खुद हमे अपना हमदम बना लिया करते हैं।
कहने को बहुत है,
इजहारे इश्क क्या करें उस खुदा से
हम वो हैं ए दोस्त
जिन्हे खुदा खुद ही अपना बना लिया करते हैं।