अश्कों के बहने से जो सैलाब आया था
उनमें हमने उस खुदा को पाया था।
____
रहनुमा बन्ने वाले बहुत मिले हमे
गुमराह करना उनकी फितरत पाया था।
___
जूझते सब्र रखे हम बढते रहे बस
उसकी खुदाई में हमने खुद को पाया था।
___
आज हम खडे़ हैं मुस्कान भरे इन लम्हों में
महाकाली ने वक्त पलटकर खुद से मिलाया था।
__
पलटता है वक्त आता है सवेरा मेरे दोस्त
ख्वाब यंहीं तबदील होते हैं खुदा ने हमे समझाया था।
वाह बहुत ही अच्छा लिखा है आपने 👌👌👌👌