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जब चौथे आयाम से देखा
ज़िंदा थे पर तस्वीरों में पहुँचते देखे कुछ तस्वीरें भी ज़िंदा होती देखीं, कुछ को चलन निभाते देखा कुछ को चलन सिखाते देखा, उलझे हुए को खुश देखा सुखी को उलझते देखा, जो ज़िंदा हैं उन्हे प्रयाग में देखा…