तुम कृष्ण से मिल पाओगे

प्रेम कियो जैसे अलख जगायो, गोपियों संग वो रास रचायो, राधा संग वो बंसी बजायो, सृष्टि रची कैसे ढाई अक्सर में सीखायो।।। ******* मूर्ख संसार कलजुग में फंस्यो, रास लीला को भोग समझयो, समर्पण और विश्वास भुलाई दुर्गा रूप स्त्री काली दृष्टि सुहाई, घर में माँ बहन की चिंता बाहर पराई कन्या देख किंचित नहीं … Continue reading तुम कृष्ण से मिल पाओगे