मत करना

मैं घुटने टेक दूँ,इतना कभी मजबूर मत करना खुदाया थक गई हूं,पर थकन से चूर मत करना मुझे मालूम है मैं अब किसी की हो नही सकती, तुम्हारा साथ गर माँगूँ तो तुम मंजूर मत करना यहां की हूँ,वहां की हूँ,खुदा जाने कहाँ की हूँ मुझे दूरी से कुर्बत है,ये दूरी दूर मत करना ना … Continue reading मत करना

फिर रोज दिवाली आएगी

इस बार दोस्तों चलो कूछ घर से बाहर निकालते हैं, अहसान किए बिना ही कुछ लोगों का भला कर आते हैं, ऊंची दुकान वाले तो रोज़ अच्छा कमाते हैं, गरीब के हाथ कमाने के कुछ ही मौके आते हैं, उनसे कूछ खरीद कर कुछ पैसे उन्हीं तक पहुंचाते हैं, वो भी अपने बच्चों के लिए … Continue reading फिर रोज दिवाली आएगी

रखना सुहागन मोहे

🌹👣🌹 रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी । चरणों में तेरे ये है अरजी हमारी ।। बिंदिया सिंदूर मेरा चमके हमेशा । हाथों का कंगना चूड़ी खनके हमेशा । रहमत हमेशा हम पर रखना तुम्हारी । रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।। मेरा सुहाग हीं तो ताज़ है मेरा । इनसे हीं घर में कान्हा राज … Continue reading रखना सुहागन मोहे

इंसानियत बचाने को

चिंताओं से चिता तक सफर करते इंसान को, समझ महज इस बात की अहम से नीचे पहुंचा सकूं हर इंसान को।। किस वक्त क्या होगा उसे समझ नहीं, समझदारी दिखे बस मेरी हर इंसान को, कभी मयखाने में पैमाने छलक आए थे, दोस्तों के संग बातें करते हर दिखती लड़की को पटाने को। इस यौवन … Continue reading इंसानियत बचाने को

परमात्मा के परमानन्द में

अनदेखी अनजानी सी परेशानियों के सैलाब में, पाक मोहब्बत सी मुस्कुराहट भरे लबों में, पिघलती मोम की लौ के आंचल में, तुम्हारी मोहब्बत भरी बाहों के आगोश में, सफलताओं की पतंग सी चढ़ी आसमान में, डूबी हुई आंखों की मस्तियों की चमक में, जैसे आत्मा डूबी सी परमात्मा के परमानन्द में।

शादियों के नूर देखें

शादियों के नूर देखें दुल्हन के सृंगार देखें, दूल्हे के सिर पर है सेहरा बाप का तमतमाया है चेहरा, कोई कसर नहीं आती नजर खुशियों को लगती कहीं से नजर, पड़ते फिर भी फेरे सुन्दर कसमें खाते दोनों निरन्तर, रीत चलते रिवाज हैं चलते रिश्तेदार खाना देख मचलते, दुल्हन के पिता का दिल निकलता, सोचते-सोचते … Continue reading शादियों के नूर देखें

मुस्कुराते मुस्कुराते

मुस्कुराते मुस्कुराते तुम हमसफ़र बन गए, हम खुद से बेखबर तुम्हारे हम्नजर बन गए, इबादत करें खुदा की या तुमसे नज़रें दो चार करें, कायनात सी खूबसूरत तूम्हारी आंखों के नूर बन गए, ढूंढते जमाने भर में फिर तुम्हारी बाहों में मजबूर हो गए।

चाय वाला

गुज़ारिशों के पंखों पर अहमियत के कंधों पर, बंधे बंधन में ऐसे शुतुरमुर्ग के अंडे हो जैसे, ना खाए बनता है ना उठाए बनता है, जो मजलूम हुआ करते थे कभी पांव में छाले गिना करते थे कभी, आज हुकूमत किया करते हैं दूसरों की ख्वाहिशों को परख कर खुदी बुलन्द किया करते हैैं, ये … Continue reading चाय वाला

आंखें चमकती हुई

आंखें तेरी चमकती हुई फलक पर चांदनी सी, दमकती हुई लहरें समुद्र में हिलोरों सी, चेहरे पर नूर ऐसा सूरज की किरणों में रेत जैसे चमकती हुई।। ####### बांहें फैलाए खड़ी हो ऐसे, कुदरत की गोद में इंद्रधनुष जैसे, इन फूलों की खूबसूरती तो देखो, तेरे चेहरे पर चमकती चांदनी जैसे। ####### मोहब्बत में तेरी … Continue reading आंखें चमकती हुई