परमात्मा के परमानन्द में

अनदेखी अनजानी सी

परेशानियों के सैलाब में,

पाक मोहब्बत सी

मुस्कुराहट भरे लबों में,

पिघलती मोम की

लौ के आंचल में,

तुम्हारी मोहब्बत भरी

बाहों के आगोश में,

सफलताओं की पतंग सी

चढ़ी आसमान में,

डूबी हुई आंखों की

मस्तियों की चमक में,

जैसे आत्मा डूबी सी

परमात्मा के परमानन्द में।

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