मेरे भोले भण्डारी

मेरे भोले भण्डारी,

तुम हो कैलाश के वासी,

अखंड मंगल हो आता

जब दरश तेरा दिख जाता,

गंगा पवन धारी

चन्द्रमा के भाग्य को तारी,

मूषक वाहन दे कर

मोर सवारी दे कर,

पुत्रों के कार्य सवांरे

उनके स्थान हैं धारे,

मैया शक्ति ने ध्याया

तप कर तुमको है पाया,

महाकाल तुम विकराल

हाथों त्रिशूल और कपाल,

तेरी महिमा है न्यारी

है नंदी कि सवारी,

कथन सदा हो पूरा

भंडार तेरी किरपा का ना रहे अधूरा,

पैरों में तेरे ये संसार है सारा

मुझे अपनी भक्ति देकर मेरा भाग्य है तारा।

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