देवों की महिमा
जान सकते नहीं,
प्रभु की लीला
पहचान सकते नहीं,
दुर्लभ कार्य भी
यूंही नहीं कर जाते,
खुद को भी यूंही
संसार में फंसा नहीं पाते,
खोजते जिसे दर बदर
वह यहीं खुद में छिपा,
खंगाल लो जब खुद को
प्रभु खुद को भी नहीं सके छिपा।
देवों की महिमा
जान सकते नहीं,
प्रभु की लीला
पहचान सकते नहीं,
दुर्लभ कार्य भी
यूंही नहीं कर जाते,
खुद को भी यूंही
संसार में फंसा नहीं पाते,
खोजते जिसे दर बदर
वह यहीं खुद में छिपा,
खंगाल लो जब खुद को
प्रभु खुद को भी नहीं सके छिपा।