दफन होंगे

तुम्हारी मोहब्बत में शब्द ख़तम होंगे हमारी सादगी के अफताब दफन होंगे, तुम यूंही तिरछी नज़रों से निहारते रहना हमारी शख्शियत के नूर यूंही दफन होंगे।

ऐसे ही शाम होती है

तुनक मिजाजी से, तुम्हारी ज़रा तौहीन होती है मुस्कुरा कर बात करो, तो मौसिकी बेपनाह होती है, पलकें भिगो लो ज़रा, तो उस तबस्सुम में नहा लें हम तुम्हारी आशिकी में ऐसे ही सुबह और ऐसे ही शाम होती है।

नहीं बदलते

किसी के रूठने से जज़्बात नहीं बदलते चले भी जाएं अगर, तो हालात नहीं बदलते, तुम यूंही जज़्बात जाया न किया करो तुम्हारे रोने से उसके हालात नहीं बदलते। For my new friend tiलक