कलियुग में corona

ज्ञानी का ज्ञान व्यर्थ

अज्ञानी का अभिमान व्यर्थ

सृष्टि के साथ परम पुरुष खड़े

फिर भी परमात्मा का नाम व्यर्थ।

——————

शिव का ध्यान व्यर्थ

नारायण का नाम व्यर्थ

खुद को समझे नहीं मनुष्य

राम नाम का जाप व्यर्थ।

—————–

सृष्टि खुद हो रही संतुलित

दिख रहा रूप अतुलित

धनाढ्यों का धन व्यर्थ

मजदूर की मेहनत व्यर्थ।

Leave a Reply