ज्ञानी का ज्ञान व्यर्थ
अज्ञानी का अभिमान व्यर्थ
सृष्टि के साथ परम पुरुष खड़े
फिर भी परमात्मा का नाम व्यर्थ।
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शिव का ध्यान व्यर्थ
नारायण का नाम व्यर्थ
खुद को समझे नहीं मनुष्य
राम नाम का जाप व्यर्थ।
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सृष्टि खुद हो रही संतुलित
दिख रहा रूप अतुलित
धनाढ्यों का धन व्यर्थ
मजदूर की मेहनत व्यर्थ।