🌸कृष्ण🌼🌸
तान बँसी कि सुना कर,
तुमने ही न्योता दीया था।
प्रण हाँ एकाकार का भी,
श्याम तुमने ही किया था।
कृष्ण आधा, आधी राधा
आधी राधा, कृष्ण आधा
भुल कर अपना वो वादा
क्युँ ,हाँका कुरुक्षेत्र मे रथ
क्युँ भुलाया रास प्राँगण
क्युँ रचाया, महाभारत ।।
🐾🌺🐾 ३🐾🌺🐾
🌼🌸कृष्ण🌼🌸
🌼 सच कह दुं कृष्ण 🌼
जो पुर्णत्व तुमने राधिका से पाया था
वहीं पल पल कुरुक्षेत्र मे तुम्हारे काम आया था।
सच यह भी है कृष्ण🌼
इन सब के बीच,
तुम शांत निर्विकार निश्चिन्त भाव से
पार्थ का रथ हांक रहे थे
और रणस्थली के सारे मर्म/घाव
राधा के ह्रदयस्थली से तुम्हें झांक रहे थे
(सच कहता हूं)
आज भी है ढुँढता,पल पल तुम्हे राधा का साया
तुम मगन हो द्बारीका मे,
रचा कर महलों की माया !
🐾🌺🐾 ४🐾🌺🐾
🌼🌸कृष्ण🌼🌸
बिल्कुल सच।
मैंने भी कोशिश की है ‘सुशांत सिंह राजपूत’ के लिए कुछ लिखने की शायद आप उन भावनाओं को और गहराई से समझ पाए। वक़्त निकाल के पढियेगा जरूर।🙏🙏
🌸कृष्ण🌼🌸
तान बँसी कि सुना कर,
तुमने ही न्योता दीया था।
प्रण हाँ एकाकार का भी,
श्याम तुमने ही किया था।
कृष्ण आधा, आधी राधा
आधी राधा, कृष्ण आधा
भुल कर अपना वो वादा
क्युँ ,हाँका कुरुक्षेत्र मे रथ
क्युँ भुलाया रास प्राँगण
क्युँ रचाया, महाभारत ।।
🐾🌺🐾 ३🐾🌺🐾
🌼🌸कृष्ण🌼🌸
🌼 सच कह दुं कृष्ण 🌼
जो पुर्णत्व तुमने राधिका से पाया था
वहीं पल पल कुरुक्षेत्र मे तुम्हारे काम आया था।
सच यह भी है कृष्ण🌼
इन सब के बीच,
तुम शांत निर्विकार निश्चिन्त भाव से
पार्थ का रथ हांक रहे थे
और रणस्थली के सारे मर्म/घाव
राधा के ह्रदयस्थली से तुम्हें झांक रहे थे
(सच कहता हूं)
आज भी है ढुँढता,पल पल तुम्हे राधा का साया
तुम मगन हो द्बारीका मे,
रचा कर महलों की माया !
🐾🌺🐾 ४🐾🌺🐾
🌼🌸कृष्ण🌼🌸
बहुत सुंदर