हम सफर मेरा

दिक्कतों के बाजारों में खुशियों के खिलौने, बिछड़ी यादों की कड़वाहटों में ठंडी छांव के बिछोने, आज भी याद है हमें तुम्हारी चाल के सदके, तुम्हारी मुस्कुराहटों के सामने हमारी ख्वाहिशों के फलसफे। एक छलावा सी जिंदगी जीते पुरानी तस्वीर के टुकड़े, आज की हक़ीक़त के सामने फीके तुम्हारी ख्वाहिश के मसले। तुम थीं एक … Continue reading हम सफर मेरा