कुछ लफ्ज़ बोलते कुछ हम डोलते कुछ पैमाना छलकाते कुछ तुम मुस्कुराते जिंदगी यूँही हमे झूलाती दिलदारी में तुम पार्टी दे डालती ।। ********* कुछ दोस्त हंसते कुछ हमे हंसाते 2 2 पैग पीने खाते कसमें साथ जीने उसमें भी तुम शरीक हो आती कहती मेरे बिना कैसे और मुस्कुराती ।। ******** तुम्हारे बिना जीना … Continue reading कुछ लफ्ज़ बोलते
Day: June 16, 2020
माँ
माँ कबीर की साखी जैसीतुलसी की चौपाई-सीमाँ मीरा की पदावली-सीमाँ है ललित रुबाई-सी। माँ वेदों की मूल चेतनामाँ गीता की वाणी-सीमाँ त्रिपिटिक के सिद्ध सूक्त-सीलोकोक्तर कल्याणी-सी। माँ द्वारे की तुलसी जैसीमाँ बरगद की छाया-सीमाँ कविता की सहज वेदनामहाकाव्य की काया-सी। माँ अषाढ़ की पहली वर्षासावन की पुरवाई-सीमाँ बसन्त की सुरभि सरीखीबगिया की अमराई-सी। माँ यमुना … Continue reading माँ
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी, तुम हो कैलाश के वासी, अखंड मंगल हो आता जब दरश तेरा दिख जाता, गंगा पवन धारी चन्द्रमा के भाग्य को तारी, मूषक वाहन दे कर मोर सवारी दे कर, पुत्रों के कार्य सवांरे उनके स्थान हैं धारे, मैया शक्ति ने ध्याया तप कर तुमको है पाया, महाकाल तुम विकराल हाथों त्रिशूल … Continue reading मेरे भोले भण्डारी