कुछ लफ्ज़ बोलते

कुछ लफ्ज़ बोलते

कुछ हम डोलते

कुछ पैमाना छलकाते

कुछ तुम मुस्कुराते

जिंदगी यूँही हमे झूलाती

दिलदारी में तुम पार्टी दे डालती ।।

*********

कुछ दोस्त हंसते

कुछ हमे हंसाते

2 2 पैग पीने

खाते कसमें साथ जीने

उसमें भी तुम शरीक हो आती

कहती मेरे बिना कैसे और मुस्कुराती ।।

********

तुम्हारे बिना जीना

नहीं होता चौड़ा ये सीना

जब तक तुम साथ नहीं खड़ी हो जाती

चैन की सांस मुझे नहीं आती

अर्धांगिनी तुम मेरी

तुमसे खुशहाल जिंदगी है मेरी।।

Leave a Reply