कुछ लफ्ज़ बोलते
कुछ हम डोलते
कुछ पैमाना छलकाते
कुछ तुम मुस्कुराते
जिंदगी यूँही हमे झूलाती
दिलदारी में तुम पार्टी दे डालती ।।
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कुछ दोस्त हंसते
कुछ हमे हंसाते
2 2 पैग पीने
खाते कसमें साथ जीने
उसमें भी तुम शरीक हो आती
कहती मेरे बिना कैसे और मुस्कुराती ।।
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तुम्हारे बिना जीना
नहीं होता चौड़ा ये सीना
जब तक तुम साथ नहीं खड़ी हो जाती
चैन की सांस मुझे नहीं आती
अर्धांगिनी तुम मेरी
तुमसे खुशहाल जिंदगी है मेरी।।