हरि अनंता
हरि नाम अनंता
केशव चरण रज धारउँ
मिलत परम आनंद अनंता।
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हरि भक्ति अनंता
परम सुखधाम अनंता
मूरत चहूं ओर तिहारी
गांऊं यही कथा अनंता।
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लीलाधर स्वरूप अनंता
ध्यान ज्ञान प्रपंच अनंता
बखान करऊँ किस मुख से
मुख मंडल मुस्कान अनंता।