इस समाधि में छिपी हुई है एक राख की ढेरी, जल कर जिसने स्वतंत्रता की दिव्य आरती फेरी ॥ यह समाधि, यह लघु समाधि है झाँसी की रानी की अंतिम लीलास्थली यही है लक्ष्मी मरदानी की ॥ यहीं कहीं पर बिखर गई वह भग्न-विजय-माला-सी उसके फूल यहाँ संचित हैं, है यह स्मृति शाला-सी ॥ सहे … Continue reading झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की पुण्य तिथि पर समर्पित