आज की इबादतें
और दिल की चाहतें तो देखो,
छुपे जज़्बात और
यादों से डूबी हमारी तहज़ीब तो देखो,
इजहार ए इश्क और
अल्फाजों में भीगी नज़रें तो देखो,
किस तरह तुमसे मिलेंगे
जरा हमारी चाहत की तासीर तो देखो।
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दिल बेकाबू हो जाएगा
तुम ज़रा मुस्कुरा कर तो देखो,
तस्वीर से निकल कर
एक पल साथ बिता कर तो देखो,
भीड़ में भी तन्हा होंगें
तुम ज़रा नज़रें झुका कर तो देखो,
उल्फत की गहराई देखोगे
ज़रानवाजी में ही सही, नज़र उठा कर तो देखो
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