पिता का श्रण

हम हैं जहाँ में,

किया परिश्रम आपने

माँ की इच्छाओं का सत्कार

शीलता का परिचय दिया आपने।

थे कुछ शैतान हम

दिया स्वत्व तब आपने

हम शिक्षित हैं आज

ऐसा अयोजन किया आपने।

पिता का कर्तव्य हर

निभाया सदा है आपने

जब भी हम लडखडाएं

तो सब्र से सदा सम्भाला आपने ।

खड़े हैं आप

जैसे नारायण हैं आपमें

चरण स्पर्श करें या

राम राम जपें, पर श्रद्धा है आपमें।

श्रवण कुमार बन सेवा कर सके

तब भी न होगें मुक्त,

देवता भी पूछ बैठेंगे

कैसे इस पिता का

यह श्रण उतारा आपने।

Dad,

Happy Father’s day!!!

Love you…

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