अतीत के मुहाने से

अतीत के मुहाने से झांकती परछाईं कुछ अच्छी कुछ दुखदाई हैं सौदाई, झुकते हुए से पेड़ों की तन्हाई और खट्टे मीठे फलों की तराई, बागों में खेलते हुए टहनियों पर लटकना, आमों की मिठास को पेड़ों पर ही चखना, बाहर की हर बात घर में बकना, कोई सुने या ना सुने अपनी बात पूरी करना। … Continue reading अतीत के मुहाने से

जीवन मंत्र की खोज में

जीवन मंत्र की खोज में जीने का अवसर खो दिया, यंत्र तंत्र और मंत्र साध के जीने का अर्थ ही खो दिया। जीवन के संघर्ष देख दूसरों के कथन से खुद को अनुबंधित किया, जीवन शैली हो ऐसी सोच कर हजार जतन किया। धन संपत्ति कमा कर खूब नाम दुनिया में किया, खुदा को गंवा … Continue reading जीवन मंत्र की खोज में

जन्म अष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष प्रेम का सागर लिखूं!या चेतना का चिंतन लिखूं!प्रीति की गागर लिखूं,या आत्मा का मंथन लिखूं!रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित,चाहे जितना लिखूं…. ज्ञानियों का गुंथन लिखूं ,या गाय का ग्वाला लिखूं..कंस के लिए विष लिखूं ,या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं।रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं…. पृथ्वी का मानव लिखूं … Continue reading जन्म अष्टमी