चांद की शिकायत

🌝चाँद को भगवान् राम से यह शिकायत है की दीपवली का त्यौहार अमावस की रात 🌚 में मनाया जाता है और क्योंकि अमावस की रात में चाँद निकलता ही नहीं है इसलिए वह कभी भी दीपावली✨ मना नहीं सकता। यह एक मधुर कविता है कि चाँद किस प्रकार खुद को राम के हर कार्य से … Continue reading चांद की शिकायत

मै मै नहीं परन्तु मै मै ही हूं।

महाकाल की चेतना और महाकाली कि शक्ति, नारायण सा तेज और लक्ष्मी सी शीतलता, देवों को प्यारे और गणों में दुलारे, सूंड जिनकी सिर्फ सूंड नहीं स्वयं सभी चक्रों का निवास वहीं, मेरे सिर में सहरार से शुरू हो अंत मूलाधार तक विस्तार होता, उस सूंड की ऐसी गरिमा, शरीर स्वयं सुव्यवस्थित हुआ है जैसे, … Continue reading मै मै नहीं परन्तु मै मै ही हूं।