चिन्तन चित्त को चाहिए

चिन्तन चित्त को चाहिए

तनको चाही नीर,

मन को भौतिक सुख की इच्छा

आत्मा बने फ़क़ीर ।

क़हत पुलसत्य सुनो भाई साधों

बन रहे

बड़े बड़े फ़क़ीर ,

भजन पूजन से कछु मिले नहीं

ना हो भाव फ़क़ीर ।

खुदा कहो या शिव

होते वही क़रीब ,

जो

जन सेवा करे

बनावे नाहीं लकीर ।

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