पाय गयो रघुवीर

मन शीतल जल भया

पाय गयो रघुवीर,

मूढ़ बनत फिरता रहा

जब जपा नाम रघुवीर,

दस कंधर ज्ञानी हुआ

खुद चले आए रघुवीर,

दस सिर जानत अवगुण थे

मिटावे पीढ रघुवीर,

परम सत्य को जानिए

अंतर्मन जब होए अधीर ,

अवगुण जान स्वयं के

चरण शरण जाओ रघुवीर।

Leave a Reply