रास्ते कभी सीधे
कभी टेढ़े हो जाते ,
हम यूँही हैरान
कभी परेशान हो जाते,
सोचते मंज़िल तक पहुँचने को
रास्ते यूँही आसान मिल जाते ,
कभी छाँव
कभी कड़ी धूप
के नज़ारे मिल जाते ,
सोचते मंज़िल तक पहुँचने को
रास्ते यूँही आसान मिल जाते ,
कभी शरीर सुख भोगता
कभी दिल में दर्द के
कयी दौर उठ जाते,
सोचते मंज़िल तक पहुँचने को
रास्ते यूँही आसान मिल जाते ,
समझते सब कुछ हैं
पर सय्यम यूँही खो जाते ,
कभी क्रोध कभी दुःख
तो कभी सुख के आग़ोश में खो जाते,
पर है कोई
जो सहारा देती है
आँखों में प्यार बाहों में विश्वास
देती है ,
उठ -चल
मै हूँ साथ तेरे ,
और बस
रास्ते यूँही आसान मिल जाते।