रावण रहे ना राम, जग में बसे हैं सिर्फ़ नाम नाम की माया बड़ी, चलता रहे सब काम रावण जीता जग तब, करी सुनहरी लंका नाम राम भटके १४ बरस, तब पहुँचाए निज धाम कहानी सुन सुन तुम बढ़ रहे, कहाँ से आए ये ज्ञान चाहे पढ़ो रहीम चाहे पढ़ो चरित्र नाम “ राम “ … Continue reading चैतन्य उसका नाम