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पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान।
राम चरित मानस रच डाला,
जग में बन गए भक्त महान।।
पत्नी छोड़ भागे थे जो जो,
वही बने विद्वान महान।
गौतम बुद्ध महावीर तीर्थंकर,
पत्नी छोड़ बने भगवान।।
पत्नी छोड़ जो भागे मोदी
हुए आज हैं पंत प्रधान।।
अडवाणी ना छोड़ सके तो,
देखो अब तक हैं परेशान।।
नहीं मिली कोई पप्पू को
नहीं सुनी पत्नी की तान।
फिरे भटकता मारा मारा
करता दुश्मन के गुणगान।।
हम भी पत्नी छोड़ न पाए,
इसीलिए तो हैं परेशान।
पत्नी छोड़ बनो सन्यासी,
पाओ मोक्ष और निर्वाण।।
(हास्य कविता का केवल आनन्द लें…
…रिस्क केवल अपने दम पर लें…)
😂😂
Unknown poet