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श्याम की बजी बंसी
भक्तिमय हुए तुम
राधा सा जगा प्रेम
और उसमें डूबे तुम•••
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कलयुग का पंथ
दुनियादारी में तुम
पुण्य का संग
और उसमें डूबे तुम•••
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कुछ मीठी कुछ खट्टी
भावनाएं व्यक्त करते तुम
जिंदगी की भट्टी
और उसमें डूबे तुम•••
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पार उतरती नईया
भवसागर में तुम
नारायणी है मईया
और उसमें डूबे तुम•••