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दिल में कुछ
शब्दों में कुछ
मुखारबिंद शांत,
हथेली में कुछ
होठों पर कुछ
सुरताल शांत,
पैरों में कुछ
सृष्टि में कुछ
ब्रह्म हुए शांत,
राधा में कुछ
लक्ष्मी में कुछ
प्रेम सरोवर है शांत,
भक्ति में कुछ
कर्म में कुछ
प्रभु हैं शांत,
खोजते हो कुछ
मिलता है कुछ
प्रकृति है शांत,
अपनों में कुछ
परायों में कुछ
रिश्ते हैं शांत,
पढ़ते हो कुछ
समझते हो कुछ
बुद्धि है शांत,
करना है कुछ
समझना है कुछ
जिंदगी भी हुई शांत।।