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एक मुलाकात

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एक मुलाकात

हर रोज़ अपने आप से होती है

कुछ पुरानी

कुछ नयी बात सी होती है,

हवाओं के रुख

जो बदल जाया करते हैं यूँही,

आँखें भरी हुईं सी और

हर जज्बात में एक बात होती है,

तकलउफ़ किया करते थे जो

उनकी हर बात में तारीफ होती है,

पावों के छाले अब भर से गए

जिंदगी यूँही नहीं मुझ पर निसार होती है,

मेरा हमदम खड़ा रहा हर वक़्त साथ मेरे

लम्हों में ताकती दुनिया बदजात होती है।

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