बयान करें तो किससे

लम्हों में बितती ज़िंदगी, कुछ हाल ए दिल बता नहीं पाती, सुकून में पल जो गुज़ारे थे, खयाल ए महफ़िल दिखा नहीं पाती। बयान करें तो किससे, ये आँखें क्यों नम हो जाया करती हैं, बेक़ाबू हालात से लड़ते हुए कह देते है, नज़रें दूर तलक दिखा नहीं पातीं। तुम ही कहो ये सय्याद कौन … Continue reading बयान करें तो किससे